जीएसटी : बिस्कुट, परिधान, फुटवियर होंगे सस्ते, सोने की खरीदारी होगी कुछ महंगी

Samachar Jagat | Sunday, 04 Jun 2017 05:17:44 AM
Apparel, biscuits, footwear cheaper; gold costlier under GST

नई दिल्ली। देश में एक जुलाई से लागू होने वाली वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत सोने और उसके आभूषणों की खरीदारी कुछ महंगी होगी जबकि 1,000 रुपए तक कीमत वाले परिधान सस्ते होंगे। आम आदमी के उपयोग वाले चप्पल, जूते भी नई कर व्यवस्था में सस्ते होंगे।

बहरहाल, पश्चिम बंगाल को छोडक़र सभी राज्य सरकारों ने एक जुलाई से जीएसटी व्यवस्था लागू करने पर सहमति जताई है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद् की शनिवार को यहां हुई बैठक में पैकिंग वाले ब्रांडेड खाद्य उत्पादों पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाना तय किया है। बीड़ी पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा लेकिन बीड़ी बनाने में काम आने वाले तेंदू पत्ता की बिक्री पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा। हालांकि, बीड़ी पर सिगरेट की तरह कोई उपकर नहीं लगाया जाएगा।

परिषद् में लिए गए फैसले के मुताबिक, सभी तरह के बिस्कुट पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा। इसी प्रकार 500 रुपए तक कीमत वाले फुटवियर पर पांच प्रतिशत दर से जीएसटी लगेगा जबकि इससे अधिक मूल्य वाले चप्पल-जूते खरीदन पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाएगा।

कपड़े की श्रेणी में रेशमी और पटसन फाइबर को जीएसटी से मुक्त रखा गया है जबकि कपास और प्राकृतिक रेशे और सभी तरह के धागे पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाएगा। मानव-निर्मित फाइबर और धागा हालांकि, 18 प्रतिशत जीएसटी की श्रेणी में आएगा।

सभी तरह के कपड़े पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा जबकि 1,000 रुपए तक के मानव-निर्मित परिधानों पर पांच प्रतिशत की निम्न दर से जीएसटी लागू होगा। वर्तमान में इस पर सात प्रतिशत की दर से कर लगता है। एक हजार रुपए से अधिक मूल्य के कपड़ों पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद कहा कि फुटवियर और कपड़े के मामले में काफी बड़ी राहत दी गई है। परिषद् की अगली बैठक 11 जून को होगी जिसमें एक जुलाई से जीएसटी लागू करने की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।

जेटली ने कहा कि वर्तमान में 100 रुपए किलो तक मूल्य वाले बिस्कुट पर औसतन 20.6 प्रतिशत जबकि इससे अधिक दाम के बिस्कुट पर 23.11 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है। दोनों को ही उनके निकटतम जीएसटी स्लैब 18 प्रतिशत पर तय किया गया है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में 500 रुपए तक के फुटवियर पर 9.5 प्रतिशत कर लगता है जबकि जीएसटी व्यवस्था में इसे पांच प्रतिशत वर्ग में रखा गया है। इससे अधिक दाम वाले चप्पल-जूते पर 23.1 से लेकर 29.58 प्रतिशत की दर से कर लगता है जिसपर जीएसटी प्रणाली में 18 प्रतिशत दर से कर लगेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि सोना कुछ महंगा होगा। वर्तमान व्यवस्था में सोने पर दो प्रतिशत कर लगता है और व्यापक विचार विमर्श के बाद जीएसटी में सोना और इसके आभूषण पर तीन प्रतिशत दर से जीएसटी लगाने का फैसला किया गया है। आभूषण निर्माता नई व्यवस्था में कर क्रेडिट भी ले सकेंगे।

सौर पैनल पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि लॉटरी पर जीएसटी दर अभी तय की जानी है।

पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा की जीएसटी क्रियान्वयन में देरी किए जाने की मांग के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि अन्य किसी ने इस तरह का विचार व्यक्त नहीं किया।

उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य भी एक जुलाई से जीएसटी प्रणाली को अमल में लाएगा। हम तय तिथि पर टिके रहने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं।

केरल के वित्त मंत्री थॉमस इस्साक ने हालांकि, यह कहा कि सभी ने एक जुलाई से इसे लागू करने पर सहमति जताई है।

जीएसटी परिषद् की बैठक में जीएसटी प्रणाली के तहत मुनाफाखोरी रोकने के प्रावधान तहत केन्द्र और राज्यों को मिलाकर एक समिति गठित करने पर भी सहमति जताई गई है। यह समिति जीएसटी प्रणाली में अनुचित मुनाफा कमाने से कंपनियों को रोकेगी। समिति के कामकाज से संबंधित अंतिम नियम बाद में तैयार किए जाएंगे।

जीएसटी परिषद् की आज हुई 15वीं बैठक में बिना तराशे हीरों पर 0.25 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का भी फैसला किया गया। कृषि उपकरणों के लिए पांच और 12 प्रतिशत की दो दरें रखीं गई। इसके अलावा परिषद् ने परिवर्तनकारी समय और रिटर्न फार्म के बारे में भी नियमों को मंजूरी दी।

जीएसटी लागू होने पर परिवर्तन के दौर संबंधी नियमों में संशोधन का भी फैसला किया। इसमें जहां कर की दर 18 प्रतिशत से अधिक है उसमें व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं को सीजीएसटी अथवा एसजीएसटी बकाए के समक्ष 60 प्रतिशत के लिए दावा करने की अनुमति दी गई है। जहां कर की दर 18 प्रतिशत से कम होगी उसमें बकाया 40 प्रतिशत के लिए दावा किया जा सकेगा।

जीएसटी लागू होते समय बदलाव के दौर में कंपनियां भी लागू होने से पहले के अपने स्टॉक पर दी गई उत्पाद शुल्क में केन्द्रीय जीएसटी बकाए के तहत 40 प्रतिशत तक के क्रेडिट का दावा कर सकती हैं।

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि टीवी, फ्रिज और कर चेसिस जैसे श्रंखलाबंद्ध नंबर और विनिर्माता के ब्रांड नाम वाले 25,000 रुपए से अधिक मूल्य के उत्पादों पर सरकार 100 प्रतिशत उत्पाद शुल्क रिफंड करेगी।

सीएसडी कैंटीन के बारे में जेटली ने कहा, चूंकि इसमें मौजूदा मूल्य स्तर बनाए रखा जाएगा, इसलिए वर्तमान स्थिति को ही जिसमें उन्हें कराधान में आधे का लाभ दिया जाता है, उसे बनाए रखा जाएगा।

जेटली ने कहा कि 11 जून को जीएसटी परिषद् एक बार फिर बैठक करेगी जिसमें उद्योगों के ज्ञापन आधार पर फिटमेंट समिति को यदि लगता है कि उनके उत्पादों की मौजूदा दर में काफी वृद्धि हुई है तो उसकी समीक्षा की जाएगी।

इसके अलावा अगली बैठक में जीएसटी नेटवर्क अब तक किए गए कामकाज और आईटी तैयारियों को लेकर विस्तृत प्रस्तुतीकरण भी देगा।

जीएसटी में उत्पाद शुल्क, सेवाकर और वैट सहित केन्द्र और राज्य में लगने वाले 16 विभिन्न करों को समाहित कर लिया जाएगा। इसके साथ ही पूरा देश साझा बाजार बन जाएगा।



 

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