मुंबई। अगले कुछ साल के दौरान रक्षा क्षेत्र अनिल अंबानी समूह के लिए सबसे बड़ा कारोबारी क्षेत्र हो सकता है। समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी यहां कहा कि सैन्य बलों के लिये समूह सालाना एक लाख करोड़ रपये के कारोबारी अवसर उपलब्ध करायेगा।
अंबानी ने कहा कि समूह का ध्यान नौसेना, वायुसेना और थल सेना की आधुनिक हथियार प्लेटफार्म तथा सैन्य हार्डवेयर की जरूरत को पूरा करने के लिए प्रमुख विनिर्माता और आपूर्तिकर्ता बनने पर है। इसके साथ ही हम वैश्विक स्तर पर कंपनी की पैठ बनाना चाहते हैं। अंबानी ने कल शाम करीब 80 विश्लेषकों के समक्ष रक्षा क्षेत्र में समूह की भविष्य की योजना पर प्रस्तुतीकरण दिया।
उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्र के लिए काफी अवसर हैं क्योंकि मूल्य के हिसाब से अपनी 70 प्रतिशत जरूरत आयात से पूरा करता है। वर्ष 2016 में वैश्विक रक्षा आयात में भारत का हिस्सा 14 प्रतिशत रहा था। अंबानी ने कहा कि करीब 70,000 करोड़ रपये की ऑफसेट प्रतिबद्धताओं को क्रियान्वित किया जाना है। यह भी भारत के निजी क्षेत्र के लिए एक बड़ा अवसर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार की मेक इन इंडिया और कुशल भारत नीतियों की वजह से रिलायंस समूह ने रक्षा क्षेत्र में प्रवेश किया है। इस वजह से समूह के समक्ष काफी अवसर पैदा हुए हैं। अंबानी ने कहा कि अगले 15 साल में इस क्षेत्र में 15 लाख करोड़ रपये के अवसर होंगे।
यानी हर साल करीब एक लाख करोड़ रपये के अवसर मिलेंगे। यह पहला मौका है जबकि अंबानी ने अपने रक्षा कारोबार के लिए विश्लेषकों हेतु बैठक आयोजित की। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में रक्षा कारोबार रिलायंस समूह और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का सबसे बड़ा कारोबार होगा। -(एजेंसी)