नई दिल्ली। अमूल ब्रांड के तहत् उत्पाद बेचने वाली सहकारी संस्था जीसीएमएमएफ ने सोमवार को कहा कि वह अपने दूध उत्पादक सदस्यों को सीधे उनके बैंक खातों में रुपया डालने के लिए जरूरी कदम उठा रही है।
उसने कहा कि 60 प्रतिशत दूध उत्पादक सदस्यों के बैंक खाते हैं और संस्था उन लोगों के खाता खोलने के लिए कदम उठा रही है जिसके पास बैंकों में खाता नहीं है।
गुजरात को-अपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन जीसीएमएमएफ के चेयरमैन जेठाभाई पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार के 500 और 1,000 रुपए के नोटबंदी के फैसले के मद्देनजर हमने दूध उत्पादक सदस्यों को भुगतान के लिए जरूरी व्यवस्था की है। रुपया सीधे उनके बैंक खातों में डाला जाएगा।