जयपुर। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू ने शहर और गांवों के बीच बढ़ती दूरियों पर चिंता व्यक्त करते हुए आज कहा कि औद्योगिक विकास के साथ साथ कृषि क्षेत्र के विकास की भी मजबूत आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि शहरी ओर ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ती दूरियां देशहित में नहीं है और इसे रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं औद्योगिक विकास के महत्व को कम नहीं आंक रहा हूं, लेकिन कृषि क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ाने की जरूरत है।
नायडू यहां ग्लोबल राजस्थान एग्रोटेक केे दूसरे दिन सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी लोग औद्योगिक विकास पर ध्यान दे रहे हैं लेकिन देश की असली संस्कृति कृषि है और इसकी ओर ध्यान देने की जरूरत है। मैं एक कृषि परिवार से आया हूं और इस क्षेत्र के दर्द को समझता हूं।
कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता नहीं दी गई है। सरकार कृषि क्षेत्र को आगे बढाने और किसानों के हित में सकारात्मक निर्णय ले रही है। कृषि आधारित लघु उद्योग गांवों में लगाए जाएंगेे जिससे न केवल स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी बल्कि समूचे कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
नायडू ने कहा कि पारंपरिक कृषि में मत्स्य उद्योग ओर वन संवर्धन को भी जोडऩे की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लोगो में दाल चावल की जगह जैविक भोजन के प्रति जागरूकता आ गई है। मैं भी चावल के उपयोग को रोकना चाहता हूं।
उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे निषुल्क बिजली की मांग नहीं करें और चौबीस घंटें गुणवत्तापूर्ण बिजली के महत्व को समझे, और यह जब संभव हो सकता है जब सरकार अधिक से अधिक बिजली का उत्पादन कर सके।
केन्द्र सरकार प्रदेष में स्मार्ट गांव के लिए मदद करेगी। इस अवसर पर चार हजार चार सौ करोड रपए के 38 करारों पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि किसानों की समस्याओं के प्रति सरकार ने गंभीरता दिखाई है।