मुंबई। देश के सबसे प्रतिष्ठित औद्योगिक समूह टाटा संंस के अध्यक्ष पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री ने जापानी टेलीकॉम कंपनी एनटीटी डोकोमो के साथ संयुक्त उपक्रम में हुए विवाद के अंतरराष्ट्रीय पंचाट में पहुंचने के मद्देनजर लगाए जा रहे आरोपों को आधारहीन बताया है।
मिस्त्री ने इसको लेकर लगाए जा रहे आरोपों का आज जारी बयान में पुरजोर तरीके से खंडन करते हुए कहा कि जापानी के साथ हुए विवाद के संबंध में टाटा संस बोर्ड के साथ ही टाटा परिवार के संरक्षक रतन टाटा और टाटा ट्रस्टी एन ए सूनावाला के अनुमोदन पर ही सभी निर्णय लिए जाते थे।
टाटा समूह की दूरसंचार कंपनी टाटा टेलीसर्विसेस ने वर्ष 2009 में डोकोमो के साथ संयुक्त उपक्रम बनाया था लेकिन विवादों के बाद जापानी कंपनी ने इस उपक्रम से बाहर होने की घोषणा की थी। हालांकि टाटा इस संबंध में हुए करार के अनुरूप डोकोमो को भुगतान करने पर सहमत हो गया था लेकिन जापानी कंपनी इस मामले को कोर्ट में ले गई और अभी यह मामला न्यूयार्क स्थित अंतरराष्ट्रीय पंचाट में है।
इस मामले से जुड़े लोगों का मानना है कि मिस्त्री को इस विवाद की वजह से अध्यक्ष पद से हटाया गया है क्योंकि इस विवाद से टाटा की छवि वैश्विक स्तर पर खराब हो रही है। टाटा समूह दुनिया के अधिकांश देशों में कारोबार करती है और हर देश में इसे बडा सम्मान से देखा जाता है।
मिस्त्री ने यह बयान अध्यक्ष पद से हटाए जाने के करीब एक सप्ताह बाद जारी किया है।