मेलबर्न। भारत की प्रमुख खनन कंपनी अडाणी समूह की ऑस्ट्रेलिया में विश्व की सबसे बड़ी कोयला खान में से एक बनाने की योजना को आज बड़ी बढ़त मिली क्योंकि समूह को इस 21.7 अरब डॉलर की विवादित परियोजना के लिए स्थायी रेल लाइन के निर्माण और अस्थायी निर्माण शिविर की स्थापना की मंजूरी मिल गई है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार क्वींसलैंड के कोर्डिनेटर जनरल ने समूह को 31.5 किलोमीटर के स्थायी रेलमार्ग और 300 बिस्तर वाले अस्थायी निर्माण शिविर की स्थापना की ‘नवीनतम, अंंतिम और द्वितीयक मंजूरी’ प्रदान की है।
ये मंजूर हुआ रेलखंड गैलिली बेसिन में स्थित खान से एबॉट पॉइंट बंदरगाह के बीच बनने वाली 389 किलोमीटर लंबी भारी मालवहन रेलवे लाइन का हिस्सा होगा।
राज्य विकास मंत्री एंथनी लिनहाम ने कहा कि परियोजना के लिए यह मंजूरी एक और मील का पत्थर है। लिनहाम ने कहा, अडाणी ने आश्वासन दिया है कि इस पर निर्माण अगले साल से शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से नॉर्थ क्वींसलैंड को एक नयी दिशा मिलेगी और उत्तर में बड़ी आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी इस हफ्ते अपनी ऑस्ट्रेलिया की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मालकॉम टर्नबुल और क्वींसलैंड के प्रीमियर अन्नास्टैसिया पलास्जकजुक से मुलाकात कर सकते हैं। कंपनी कल अपनी इस परियोजना के मुख्यालय की घोषणा भी कर सकती है।
टाउन्सविले की मेयर जेनी हिल ने कहा कि यह इस क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलिया में हमारे यहां बेरोजगारी की दर सबसे ज्यादा है।
जेनी ने कहा, इस तरह की परियोजनाओं से करीब दो से तीन हजार रोजगार मिल सकते हंै। इस खान परियोजना में छह खुली खानें और पांच भूमिगत खानें हो सकती हैं और इससे भारतीय बिजली संयंत्रों को पर्याप्त मात्रा में कोयला की आपूर्ति होगी जिससे करीब 10 करोड़ लोगों के लिए बिजली उत्पादित की जा सकेगी।
इस परियोजना को लेकर विवाद इससे होने वाले पर्यावरण नुकसान को लेकर है। इस खान परियोजना के तहत ग्रेट बैरियर रीफ मरीन पार्क के पास 11 लाख घन मीटर का क्षेत्र खान से निकलने वाली मिट्टी के निस्तारण से खराब होने की आशंका है।
इसी बीच करीब 200 लोग यहां इस परियोजना को बंद करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए जमा हुए। ऑस्ट्रेलियन कंजर्वेशन फाउंडेशन के पॉल सिनक्लेयर ने कहा कि यह परियोजना अभी भी बंद हो सकती है। उन्होंने कहा, हर रोज जैसे-जैसे हम अडाणी को उस कोयले की खुदाई करने से रोकेंगे, यह ग्रह उसके प्रदूषण से मुक्त होता जाएगा।
वांगन एंड जगलिंगो ट्रेडिशनल ओनर्स काउंसिल ने भी एक बयान जारी कर इस परियोजना का विरोध किया है।