नाबार्ड को किसानों को 21,000 करोड़ रुपये वितरित करने का काम दिया गया

Samachar Jagat | Wednesday, 23 Nov 2016 02:20:08 PM
21,000 crore to NABARD farmers were given the task of delivering

नई दिल्ली। रबी मौसम की बुवाई को लेकर चिंतित सरकार ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड से नकदी संकट से जूझ रहे किसानों को 21,000 करोड़ रूपये वितरित करने की अनुमति दी है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने आज यह जानकारी दी। 

सरकार के 500 और 1,000 रूपये के नोट चलन से वापस ले लिये जाने के बाद किसानों के पास नकदी की भारी तंगी पैदा हो गई। इससे रबी मौसम की बुवाई से ठीक पहले किसान बीज और खाद जैसी जरूरी चीजें नहीं खरीद पा रहे हैं। दास ने कहा कि नाबार्ड इस धन को किसानों तक पहुंचाने के लिये कृषि सहकारी बैंकों को उपलब्ध करायेगा। 

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘चालू रबी मौसम में कृषि कार्यों और विशेषतौर से किसानों के फायदे के लिये नाबार्ड ने जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों को 21,000 करोड़ रपये वितरित किये जाने की सीमा तय की है।’

उन्होंने कहा कि 40 प्रतिशत से अधिक छोटे और सीमांत किसानों को सहकारी संस्थानों से ही फसल रिण मिलता है। नोटबंदी के सरकार के फैसले के बाद किसानों के पास नकदी की तंगी पैदा हो गई और उन्हें रबी मौसम की बुवाई में परेशानी आ रही थी। 

पिछले दो साल के सूखे के बाद इस बार मानसून सामान्य रहने से बेहतर कृषि उत्पादन की उम्मीद बंधी है, लेकिन नोटबंदी के बाद उपजे माहौल में रबी मौसम की बुवाई को लेकर चिंता बढऩे लगी थी।

बड़ौदा दुग्ध डेयरी के एक अन्य निदेशक रंजीत सिन्हा राठवा ने कहा कि डेयरी हर महीने की सात, 14, और 21 तारीख को छोटा उदयपुर की इन दुग्ध सहकारी सोसायटियों को भुगतान करती है।

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोहन सिंह राठवा ने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेटली से इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है कि वह रिजर्व बैंक से बड़ौदा जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को इन गरीब आदिवासियों को तेजी से भुगतान करने के निर्देश देने के लिए कहें क्योंकि अभी स्थिति विकट हो चुकी है।’

छोटा उदयपुर की आदिवासी आरिक्षत सीट से चार बार लोकसभा सांसद रहे नारायण भाई राठवा ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की। वह पूवर्वती संप्रग सरकार में रेल राज्य मंत्री भी थे।                 -एजेंसी
 



 

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