नई दिल्ली। तेल कंपनियों, सुरक्षाकर्मियों, उर्वरक कंपनियों के 100 से अधिक प्रतिष्ठान तथा अन्य कालोनी अगले तीन महीनों में कम नकदी के उपयोग वाले इलाके होंगे। गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स जीएनएफसी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह कहा।
भड़ौच में जीएनएफसी के कस्बे को भारत का पहला 100 प्रतिशत नकद विहीन कालोनी घोषित किया गया है और सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए जीएनएफसी के मॉडल को अन्य बड़े इलाकोंं में दोहराने का फैसला किया है।
अब कंपनी अपनी इकाइयों के आसपास नकदी के उपयोग की व्यवस्था में रुचि रखने वालों के लिए सलाहकार के रूप में काम कर रही है।
किसी इलाके को उस समय नकद रहित घोषित किया जाता है जहां 80 से 100 प्रतिशत लेन-देन डिजिटल माध्यमों से किया जाता है।
जीएनएफसी के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार गुप्ता ने कहा, ‘‘देश में हजारों नकद रहित लेन-देन वाले इलाके स्थापित किए जाने की संभावना है। हम नीति आयोग की नोडल एजेंसी के रूप में इस बारे में कइयों से रूचि प्राप्त की है। हमारा अनुमान है कि अगले 2-3 महीनों में 100 नकद रहित लेन-देन वाले कस्बे होंगे।’’
राजीव कुमार गुप्ता ने कहा, ‘‘नीति आयोग शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग नकदी के कम उपयोग वाले कस्बे स्थापित करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है। हम विश्वविद्यालयों तथा उनकी कालोनी को कम नकदी वाला क्षेत्र बनाने पर काम कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि जीएनएफसी बीएसएफ के छह कस्बों तथा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के पांच कालोनी को कम नकदी वाला क्षेत्र बनाने के लिए नीति आयोग के साथ काम कर रहा है।
गुप्ता ने कहा, ‘‘नए कस्बों में तेल, इस्पात और अन्य उर्वरक कंपनियों के प्रतिष्ठान एवं कालोनी शामिल होंगे।यह मुख्य रूप से सार्वजनिक खेत्र की इकाइयां होंगी क्योंकि हमारा मानना है कि नियंत्रित माहौल में इसके लिए वातावरण आसानी से बनाया जा सकता है।’’