नई दिल्ली। यदि आप कार खरीदनें का मन बना रहे है और आपनें अपनें बजट के मुताबिक ऑटो सेक्टर की कुछ कंपनियों की कारो का चयन कर रखा है तो एक नजर जरुर डाल ले इस खबर पर।
जी हां अक्सर कार खरदनें से पहले आप इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि सुरक्षा की दृष्टि से वो कार कितनी सेफ है आपके लिए। कहीं ऐसा ना हो की पैसा लगनें के बाद आप इस बात का पश्चावा करें कि इतना पैसा खर्च करनें पर भी कार में सेफ्टी का कोई पुख्ता इंतजाम नही है। ऑटो सेक्टर की बात करें तो कई कार निर्माता कंपनियों की कारें क्रैश टेस्ट में सफल नहीं हो पाई है। सेफ्टी के लिहाज से उन्हें ऑटो सेक्टर की फिसड्डी कारें कहा जा सकता है।
ये कार कंपनी दे रही है कार खऱीदनें पर भारी डिस्काउंट
वैश्विक स्तर पर ऑटोमोबाइल क्रैश टेस्टिंग एजेंसी न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम द्दारा जिन कारों का क्रैश टेस्ट किया है उनमें ये कारें पूरी तरह से फेल हो गई है। इन कारो का उत्पादन भारत में ही किया जाता है। इस सूचि में मारुति सुजुकी सेलेरिया, ह्युंदई की इऑन और महिंद्रा की स्कॉर्पियो और ईको वैन, रेनो की क्विड, फेल हो गई हैं। देश की ये छोटी कारें सेफ्टी के पैमानें में एक भी स्टार लेनें से वंचित रह गई है।
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एनसीएपी के मुताबिक कार में बेसिक सेफ्टी फीचर नहीं हैं और क्रैश टेस्ट में कार की बॉडी का भी बुरा हाल हुआ है। रेनो की एयरबैग वाली क्विड भी फेल हुई है। रेनो के क्विड की बैक सीट भी ज्यादा सुरक्षित नहीं हैं और इसे 5 में से 2 स्टार मिले हैं। गौरतलब है कि पिछले तीन सालों में भारतीय बाजार में बनने वाली 16 कारें क्रैश टेस्ट में फेल हो चुकी है।
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