ऑटोमेशन प्रौद्योगिकी से अलग नहीं रह सकता भारत : विशेषज्ञ

Samachar Jagat | Monday, 30 Jan 2017 12:49:30 PM
Automation technology not be separated from India: Expert

विशाखापत्तनम। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को आर्थिक क्षेत्र में आगे बढना है तो वह चौथी औद्योगिक क्रांति के औजारों को अपनाने में हिचक नहीं दिखा सकता। जिसमें जोर ऑटोमेशन और पर्सनल कंप्यूटर नियंत्रित विविनिर्माण कार्य पर है।

उन्होंने देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी बढाने के लिए पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी और विश्व में चल रही सर्वोत्तम विनिर्माण पद्धतियों को अपनाए जाने पर बल दिया है।

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रेनो निसान एलियांस, वीकल प्रॉडक्शन प्लांट एंड प्लान इंजीनियरिंग के उपाध्यक्ष कार्तिक प्रकाश ने कहा कि ‘भारत उद्योग-4.0 से कतरा नहीं सकता। हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए।’ सीमेंस लि के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ सुनील माथुर ने कहा कि भारतीय औद्योगिक इकाइयों को बिजली वाली मशीन से आगे बढ कर स्वचालित मशीनरी और उससे आगे डिजिटल मशीनों की ओर बढाना चाहिए।

टाटा केमिकल्स के प्रबंध निदेशक आर मुकुंदन ने कहा कि इसके लिए सरकार को कौशल विकास पर ध्यान देना चाहिए क्यों कि यदि सही कौशल विकास नहीं हुआ तो उद्योग-4.0 में नौकरियां जाने और नौकरियों के गलत रास्तों पर जाने का खतरा गंभीर है। उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों में आटोमेशन और कंप्यूटर नियंत्रित विनिर्माण का काम तेजी से बढेगा।

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गौरतलब है कि सरकार ने जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान 25 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है जो इस समय 17 प्रतिशत के आसा पास है। रोजगार के अवसर और आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढाने में विनिर्माण क्षेत्र की भूमिका बड़ी मानी जा रही है।

हॉस्पिरा हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक श्रीनी श्रीनिवासन ने यहां आंध्र प्रदेश निवेश सम्मेलन के एक सत्र में कहा कि विनिर्माण को बढावा देने के लिए भारतीय उद्योग जगत को ‘उद्योग-4.0’ को अपनाना ही होगा।

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इसी सत्र में केंन्द्रिय उद्योग सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि ‘उद्योग-4.0 के लिए भारतीय कंपनियों को विश्व में लागू विनिर्माण की सर्वोत्तम पद्धतियों को अपनाना होगा। इसके लिए निवेश-पूंजी की भी जरूरत होगी।’ उन्होंने कहा, ‘चर्चा में यह बात सामने आयी कि हमें उद्योग-4.0 अपनाना चाहिए.. उद्योग जगत को विनिर्माण के चतुर तरीके अपनाने ही होंगे। इसके अलावा गुणवत्ता, रोजगार, कौशल, आपूर्ति श्रृंखला और नवप्रवर्तन पर ध्यान देना होगा। ’- एजेंसी

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