बुडापेस्ट। हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने देश में अपोलो टायर्स के सबसे बड़े संयंत्र का उद्घाटन किया। इस संयंत्र पर 47.5 करोड़ यूरो का निवेश किया गया है। माना जा रहा है कि इससे दोनों देशों के कारोबारी रिश्ते और मजबूत होंगे।
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यह अपोलो टायर्स की छठी वैश्विक विनिर्माण इकाई और यूरोप में दूसरा कारखाना है। पहले चरण के अंत तक इसकी अंतिम क्षमता 55 लाख यात्री कारों के और हल्के ट्रक टायरों तथा 6,75,000 इकाई वाणिज्यिक वाहनों के टायरों की होगी।
इस मौके पर ऑर्बन ने कहा कि वैश्विक सुरक्षा क्षेत्र में कुछ अनिश्चित घटनाक्रम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि चाहे युद्ध की स्थिति हो या शांति हो, सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यहां रहने वाले लोगों का जीवन हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। ऑर्बन ने नारियल फोडक़र परंपरागत भारतीय तरीके से कारखाने का उद्घाटन किया।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि काफी पढ़े लिखे निराशावादी ऐसे हैं जो यह कहते हैं कि पूर्व की ओर खुलना ठीक नहीं। लेकिन इतिहास बदल रहा है। उन्होंने कहा कि अब यह साबित हो गया है कि पूर्व से जो कुछ भी आता है उसका दुनिया में दबदबा रहता है और भारत इसका एक उदाहरण है।
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