नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के देश भर में भारत स्टेज (बीएस) 3 मानक वाले वाहनों की बिक्री 01 अप्रैल से प्रतिबंधित करने के आदेश के बाद दो दिन में ऐसे सात लाख से ज्यादा वाहन बिक गए।
शीर्ष अदालत का आदेश 29 मार्च को आया था जिसमें उनसे साफ कर दिया कि 01 अप्रैल से देश में बीएस3 वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर पूरी तरह प्रतिबंध होगा। उस समय देश में आठ लाख से ज्यादा बीएस3 वाहन थे जिनमें अधिकतर दुपहिया वाहन थे।
वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने बताया कि 01 अप्रैल को देश में सिर्फ एक लाख 20 हजार अनबिके बीएस3 वाहन बचे थे जिनमें अधिकतर डीलरों के पास हैं क्योंकि कंपनियों ने पहले से ही क्रमबद्ध तरीके से इनका उत्पादन बंद कर दिया था।
उन्होंने बताया कि इन अनबिके वाहनों की कुल कीमत तकरीबन पाँच हजार करोड़ रुपए है। इस प्रकार अंतिम दो-ढाई दिन में करीब सात लाख बीएस3 वाहन बेचे गए जो मार्च में बिके कुल 18,80,352 वाहनों का 37.23 प्रतिशत है।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दुपहिया वाहन डीलरों ने भारी छूट पर बीएस3 वाहनों की बिक्री शुरू कर दी जिससे 31 मार्च तक तकरीबन सात लाख बीएस3 वाहन बिक गए। बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प, होंडा मोटरसाइकिलए एंड स्कूटर इंडिया और सुजुकी मोटरसाइकिल के दुपहिया वाहन 22 हजार रुपए तक की छूट पर बेचे गए।
अदालत में सुनवाई के दौरान वाहन निर्माता कंपनियों का तर्क था कि 01 अप्रैल से बीएस3 वाहनों का उत्पादन प्रतिबंधित होना चाहिए न/न कि उनकी बिक्री या पंजीकरण। माथुर ने कहा कि कंपनियों को कहीं न/न कहीं यह एहसास भी था कि अदालत के आदेश उनके खिलाफ जा सकता है और इसलिए उन्होंने इंवेंट्री नहीं बढ़ाई थी।
माथुर ने कहा कि भारी छूट पर वाहन बेचने से ऑटो उद्योग को करीब 1,200 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि अनबिके वाहनों में जो मॉडल निर्यात किए जा सकते हैं उन्हें निर्यात कर नुकसान यथासंभव कम करने का प्रयास किया जा सकता है।